Thursday, March 3, 2016

राजनीति की पाठमाला

!!राजनीति की खल पाठमाला!!
क से कलम को झूठा लिख
ख से खल अनूठा लिख
ग से गंवर लड़ाई लड़
घ घमंड के रथ पे चढ़
अंहकार है अहं की बिन्दी
लिख बेटा तू अपनी हिन्दी !

च का चमचा बन कर जी
छ की छत पर चढ़कर पी
ज से कर जलील सबको
झ का झांसा दे सबको
यां वां इधर उधर मत देख
रख बेटा अपनी ही टेक !
ट की टक्कर जोर से दे
ठ की ठिठोली भी कर ले
ड में डुबोकर शर्म हया
ढ ढकोसलो का ले मजा
गणना बड़ी है सत्य नहीं
सबकी लिख दे एक सही !!
त से तमक कर बात बढ़ा
थ का थप्पड़ एक लगा
द की रख दुनियादारी
ध की धांधली भी प्यारी
भर नकार की ताकत से
झुठला दे तू हर सच को !!
प से पल पल बात बना
फ से दुनिया को फुसला
ब से बनकर बातूनी
भ की भभूती रोज लगा
मद से भरकर जबर जोर कर
सद्गुण को रख दूर ठेल कर !!
य से याद रख तू ये सीख
र की रगड़ से हरदम जीत
ल से लपक कर मौका देख
व विकार का बन आकर मीत !!
श की शठता जेब में रख
ष षड्दर्शन नए बना
स की सड़क पर मजमा लगा
ह से हमेशा नाम कमा !!
क्षय से मत घबराना प्यारे
त्रस्त रहेंगे दुनिया वाले
ज्ञान यंहा कुछ मोल न रखता
बिना ज्ञान के बन जा वक्ता !!

---------संजीव 

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